पहले जहाँ गेमिंग को पुरुष-प्रधान क्षेत्र माना जाता था, वहीं अब महिलाएं इस दुनिया में अपनी जगह बना रही हैं – न केवल खिलाड़ी के रूप में, बल्कि कोच, एनालिस्ट, कंटेंट क्रिएटर और कम्युनिटी लीडर के रूप में भी।

भारत में बदलाव की तस्वीर:

चुनौतियाँ भी मौजूद हैं: ट्रोलिंग, लैंगिक भेदभाव और सुरक्षित स्पेस की कमी अभी भी बाधा बनी हुई है। लेकिन कम्युनिटी और कंपनियाँ अब इस पर काम कर रही हैं।

यह बदलाव एक नई क्रांति की ओर इशारा करता है — जहाँ गेमिंग न केवल जेंडर न्यूट्रल बनेगा, बल्कि विविधता और समावेशिता का प्रतीक भी होगा। महिला गेमर्स का बढ़ता योगदान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

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